Anshul Agarwal: याद आते हो तुम

Wednesday 28 November 2018

याद आते हो तुम


शायद मुझमें अभी भी याद बाकी है तेरी,
या तुझे भुलाने की कोशिश में, ओर याद आते हो तुम ।।

कि अब जब गुजरता हूँ उन रहों से,
जहॉ कभी तुम्‍हारे हाथें कि हथेली कि पकड़ मजबुत करके ले चलती थी मुझे,
उन राहों से तेरी याद भुलाने कि कोशिश में, और याद आते हो तुम,

कि अब जब सर्द रातों में कभी दोस्‍तों के साथ, खुले आसमान में, घण्‍टों बतलातें है,
तब तुम्‍हारे संग सर्द रातों में घण्‍टों छत पर कि गई बातों को,
भुलाने कि कोशिश में, और याद आते हो तुम ।।

कि अब जब बरसात कि ऋतु आने को है, और बरसात में फिर भीगने का मन है।
तो बरसात कि उन गिरती बूंदो में, तुम्‍हारा मुझसे सर्द के मारे लिपटना,
उस गर्म बरसात को भुलाने कि कोशिश में, और याद आते हो तुम।।


अंशुल अग्रवाल

No comments:

Post a Comment

About Me

My photo
Sainthal Dausa, Rajasthan, India