Anshul Agarwal: March 2019

Tuesday 26 March 2019

मैं.....


अपनी कहानी के दर्द को, कब का भुला चुका हूं मै,
अब तो उस दर्द की, कहानी लिखे जा रहा हूं मै ।।

मोहब्‍बत करी थी जिस चादनी रातों से,
उस चादनी को ओढ कर सोये जा रहा हूं मै।

जिस आसमां में बादलों को देख कर भीगने का मन करता था,
उन बादलों के तेजाब में खुद को मिटायें जा रहा हूं मै।

किसी बाग के महकते हुए फूल को देख कर खुश हुआ करता था,
उन्‍ही फूलों के कांटो पर चले जा रहा हूं मैा

जिस राह में हजारों कदम चले थे बिना थके,
उन्‍ही राहों की मंजिल में उलझा जा रहा हूं मै।

खुद को अलग सदा में उतारे जा रहा हूं मै,
अब खुद से खुद को अलग किये जा रहा हूं मै।
अलग किये जा रहा हूं मै।।
@agarwalanshul19
@silentword9
#agarwalanshul19

Sunday 24 March 2019

बन्द कमरो सी जिंदगी


बन्द कमरो सी जिंदगी,
कोई खोलता ही नही,
सबकी जुंबा पर ताले है,
कोई राज-ए-दिल बोलता ही नही।।

चेहरे पर चेहरा, चेहरे पर मुखौटा,
मुखैटे में छुपे सच को,
कोई जानता ही नही,
सबकी जुंबा पर ताले है,
कोई राज-ए-दिल बोलता ही नही।।

जो अंधेरे में उठते है,
अंधेरे में सो जाते है,
उनके उजाले की दास्‍तां,
कोई जानता ही नही,
सबकी जुंबा पर ताले है,
कोई राज-ए-दिल बोलता ही नही।।

सब कुछ पाने की जद्दोजहद में,
किए गुनाहों को कोई मानता ही नही,
सब कुछ खोने का डर सब में है,
पर कोई मानता ही नही।
बन्द कमरो सी जिंदगी,
कोई खोलता ही नही,
सबकी जुंबा पर ताले है,
कोई राज-ए-दिल बोलता ही नही।।

@SilentWord9
Written By Anshul

Saturday 2 March 2019

Change Your Home

1. Welcome Door
2.Don't Worry Be Happy Flowerpot


3.More Space Bedroom

4.Learn More



5. Makeup Room



6. Complete Wardrobe With More Space 



7. Peace & Silent


8. Sweet Dream

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Sainthal Dausa, Rajasthan, India