Anshul Agarwal: तुम इंकार तो ना करोगे

Tuesday 23 April 2019

तुम इंकार तो ना करोगे





अगर मै चांहू कही बैठकर, तुमसे गुफ्तगूू करना,
समय का वास्‍ता देकर, तुम इंकार तो ना करोगे



गर जो जरूरत हो मुझे, तुम्‍हारे कांधे की,
जी भर के रोने के लिए, तुम इंकार तो ना करोगे


जो कभी सिमटना चाहूं मै, तुम्‍हारी बाहों में,
वास्‍ता दुनिया का देकर, तुम इंकार तो ना करोगे



कभी जो थक हारकर सोना चाहूं मैं, तो आराम के लिए,
तुम्‍हारी गोद में जगह से, तुम इंकार तो ना करोगे


राहो को अगर भटकूं, सही राह पर आने को,
तुम्‍हारी अंगुलियों के सहारे से, तुम इंकार तो ना करोगे


कभी जो मन उदास हो, और हंसने का जी चाहे,
तुम्‍हारे चहरे पर हंसी आने से, तुम इंकार तो ना करोगे


अगर कभी जो हाथ थाम कहूं, मुझे तुमसे मोहब्‍बत है,
तो अपनी चाहत को जुंबा पे आने से, तुम इंकार तो ना करोगे

तुम इंकार तो ना करोगे।

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