पेज लेआउट टैब
पेज लेआउट टैब के विकल्प हमे पेज सेटअप में मदद करते है जिससे की जब हम पेज का प्रिन्ट निकाले तो वह हमें सही प्रारूप प्राप्त कर सके । इसके ग्रुप निम्न प्रकार से है :-
1. थीम ग्रुप :- थीम फॉण्ट,
रंग तथा स्टाइल का एक प्रारूप होता है, जिससे टेक्स्ट में सीधे बदलाव किया जा
सकते है। इसके विकल्प है कलर, फॉण्ट और इफेक्ट
2. पेज सेटअप ग्रुप :- इस
ग्रुप के विकल्प डॉक्यमेंट के पेज का सेटअप करने में मदद करते है
a. मार्जिन :- पेज में चारों
और छोडे जाने वाली जगह को मार्जिन कहा जाता है, यह पेज के मध्य भाग में नही छोडा
जाता है। वर्ड 2010 का डिफॉल्ट मार्जिन 1’’ है, तथा 2003 का मार्जिन टॅाप तथा
बॉटम में 1’’ और लेफ्ट तथा राइट में 1.25’’ है।
i.
गटर मार्जिन :- पेज में मार्जिन के अतरिक्त पेज को बाइंडिग
करने के लिए इस मार्जिन का उपयोग किया जाता है, और यह केवल पेज के लेफ्ट तथा टॉप
वाले भाग पर आता है।
b. ऑरिएंटेशन :- पेज के दिशा
निर्दश या पेज को किस आधार पर प्रिन्ट करना है उसे ऑरिएंटेशन कहते है। ये दो
प्रकार के होते है – पोट्रेट तथा लेंडस्केप
c. साईज :- इस विकल्प से हम
पेज की साइज अपनी आवश्यकतानुसार बदल सकते है। पेज साइज के उदाहरण है ए4, लेटर,
लिगल, बी4, बी3 आदि।
d. कॉलम :- यह विकल्प डॉक्यूमेंट
में पैराग्राफ, पेज आदि को कॉलम/खण्ड में विभाजित करता है। इस विकल्प से यूजर
2,3, या इससे अधिक कॉलम बना सकता है, साथ यहां पर लेफ्ट तथा राईट के भी विकल्प
मिलते है।
e. ब्रेक :- यह विकल्प डॉक्यूमेंट
में पेज ब्रेक, कॉलम ब्रेक तथा सेक्शन ब्रेक देने में मदद करता है।
f.
लाइन नम्बर :- डॅाक्यूमेंट में मौजदा लाइनो के आगे उनके
नम्बर लिखने में मदद करता है। इस विकल्प में हमें Continuous,
Restart Each Page, Restart Each Section, Suppress for current Paragaph जैसे विकल्प मिलते है।
g. हाइपनेशन/योजक चिन्ह :-
पंक्तियों में अधिक से अधिक शब्द जोडने के लिए अंतिम शब्द को योजक चिन्ह (-) द्वारा
जोडा जाता है।
3. पेज बैकग्राउण्ड ग्रुप :-
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